रूस ने क्यों किया कब्जा? जानें पूरा मामला
- By Krishna --
- Friday, 25 Feb, 2022
Why did Russia occupy?
नई दिल्ली। चेर्नोबिल प्लांट यूक्रेन के प्रिपयेत शहर में है। इस शहर को 1970 में बसाया गया था। अब इस शहर को एक मरा हुआ शहर कहते हैं जहां घर, स्कूल के कमरे, खेल के मैदान और अन्य स्थान उखड़ चुके हैं क्योंकि अब यहां कोई नहीं रहता।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले 24 हजार सालों तक ये इलाका इंसानों के रहने लायक नहीं हो सकेगा। एक वक्त था कि यहां करीब 50 हजार आबादी रहती थी। हादसे के डेढ़ दिन बाद, प्रिपयेत से लोगों को निकलने का आदेश दिया गया। लोगों से कहा गया कि वे केवल कुछ दिनों के लिए यहां से चले जाएं, लेकिन लोग यहां अपना सब कुछ पीछे छोड़ते हुए कभी नहीं लौटे।
दशकों बाद, यह शहर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से लगभग एक सप्ताह पहले चेरनोबिल क्षेत्र को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब यह प्लांट पूरी तरह तबाह है तो रूस ने इस पर कब्जा क्यों किया? इस सवाल का जवाब अमेरिकी सेना के पूर्व प्रमुख जैक किएन के एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में छुपा है। उनके मुताबिक चेर्नोबिल सैन्य लिहाज से बहुत अहम नहीं है, लेकिन इसका लोकेशन महत्वपूर्ण है।
कीव तक पहुंचने का सबसे तेज तरीका
यह बेलारूस से कीव तक पहुंचने का आसान रास्ता है। यानी इस रास्ते से रूस अपने लक्ष्य कीव तक जल्दी पहुंच सकता है। यानी यह यह कीव की ओर बढ़ता एक कदम है। बेलारूस की सीमा से इसकी दूरी महज 20 किलोमीटर है। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक टैंक के जेम्स एक्टन के मुताबिक ‘यह ए से बी तक पहुंचने का सबसे तेज तरीका है।’
नाटो को संदेश
हालांकि मॉस्को ने अब तक इस प्लांट को लेकर अपने इरादों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन एक रूसी सुरक्षा सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि रूस चेर्नोबिल न्यूक्लियर रिएक्टर को नियंत्रित करना चाहता है ताकि नाटो को सैन्य हस्तक्षेप न करने का संकेत दिया जा सके।
यूक्रेन की रक्षा में कमजोर है यह स्थान
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत वादिम प्रिस्टाइको के अनुसार ‘चेर्नोबिल पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि इसे यूक्रेन की रक्षा करने के लिए कमजोर स्थान माना जाता है। यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं है क्योंकि वहां विकिरण है, वहां कोई नहीं रहता है। वे अब हमारी सीमाओं के माध्यम से इस विशेष असुरक्षित हिस्से में आए हैं।’
वहीं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विदेश मंत्री जूली बिशप का कहना है कि चेर्नोबिल पर कब्जा दुनिया के बाकी हिस्सों में एक संदेश भेजना है। हालांकि, कर्टिन विश्वविद्यालय के एक राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक विशेषज्ञ एलेक्सी मुराविएव के अनुसार रूसियों ने चेर्नोबिल को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि यह सीमा की एक रणनीतिक संपत्ति थी जिसे वे संरक्षित करना चाहते थे
यहां हादसा पहले कब हुआ था?
चेर्नोबिल प्लांट में अप्रैल 1986 में चौथे रिएक्टर में खराब सुरक्षा परीक्षण के बाद एक बड़ा परमाणु हादसा हुआ था। ये हादसा सोवियत संघ के दौर में हुआ था उस समय इसे छिपाने की कोशिश भी की गई थी।
लोगों ने भी बाहरी रिपोर्ट के बजाए अपने नेताओं पर भरोसा किया। विस्फोट के कारण प्लांट की छत फट गई थी। रात में जब लोग अपने घरों में सो रहे थे परमाणु विकिरण पूरे वातावरण में फैल गया।
उस हादसे के बाद न्यूक्लिर प्लांट पूरी तरह तबाह हो गया। जान गंवाने वालों का कोई सही आंकड़ा नहीं है। लेकिन एक अनुमान है कि इस हादसे में सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर 90 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।